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भारत और फिजी गणराज्य ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंधों को साझा करते हैं। 14 मई 1879 को भारत के पहले गिरमिटिया कामगारों वाला जहाज फिजी के तट पर पहुंचा था। बाद में भारत से अधिक जहाजों के आने के साथ उनकी संख्या बढ़ गई । इन कामगारों के वंशज, जो अब अपनी पांचवीं पीढ़ी में हैं और उनकी आबादी लगभग 38% है और देश के आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक ताने-बाने का हिस्सा हैं । उन्होंने अपने पारंपरिक भारतीय सांस्कृतिक संबंध बनाए रखे हैं। भारतवंशियों की मौजूदगी ने दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों में काफी योगदान दिया है।
भारतीय सांस्कृतिक केंद्र [आईसीसी], सुवा 1972 में आईसीसीआर द्वारा स्थापित पहला सांस्कृतिक केंद्र था। आईसीसी, सुवा कर्नाटक वोकल म्यूजिक, कथक और भरतनाट्यम नृत्य, भारतीय शास्त्रीय वाद्य-तबला, गायन सहित हारमोनियम, योग और हिंदी में पाठ्यक्रम प्रस्तावित करता है। आईसीसी उप-केंद्र, लौताका ने गायन और योग सहित भरतनाट्यम नृत्य, भारतीय शास्त्रीय वाद्य-तबला/हारमोनियम में पाठ्यक्रम प्रस्तावित किए। सभी विषयों को अंशकालिक स्थानीय शिक्षकों द्वारा तीन समूहों में आयोजित किया जाता है: मानकीकृत पाठ्यक्रम सहित प्रारंभिक, मध्यमिक और उन्नत, सभी कक्षाएं निशुल्क हैं।
आईसीसी नियमित वर्ग गतिविधियों के साथ-साथ सांस्कृतिक संध्या, प्रदर्शनियां, फिल्म शो, नृत्य और संगीत प्रदर्शन, सेमिनार और कार्यशालाओं का भी आयोजन करता है । आईसीसी सुवा में पुस्तकों के साथ-साथ वाद्य यंत्रों को उपहार देने और भारतीय संस्कृति और विरासत के पहलुओं पर व्याख्यान सह प्रदर्शन जैसी आउटरीच गतिविधियां भी आयोजित की है।
वर्ष 2011 फिजी में भारतीय सांस्कृतिक केंद्र के अस्तित्व का 40वां वर्ष है। आईसीसी द्वारा इस अवसर के आयोजन के लिए एक वर्ष तक चलने वाले महोत्सव का आयोजन किया गया है: फिजी में आईसीसी के 40 वर्ष-भारतोत्सव 2011-12
स्वामी विवेकानन्द सांस्कृतिक केन्द्र भारतीय उच्चायोग
निदेशक सुश्री निशी बाला (द्वितीय सचिव)
एलआईसीआई बिल्डिंग लेवल 6, बट स्ट्रीट, सुवा,
पी ओ बॉक्स 471, फिजी द्वीप समूह।
फ़ोन: (मो.) +(679) 2203000 +(679) 3301150,
मोबाइल:-679 9989065 + 679 3301125
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