भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद् का संगम ज्ञापन
1. नाम: परिषद् का नाम ‘भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद्’ होगा।
2. मुख्यालय: परिषद् का मुख्यालय ऐसे स्थान पर होगा जिसका निर्णय समय-समय पर अध्यक्ष द्वारा दिल्ली राज्य में किया जाएगा।
3. उद्देश्य: परिषद् की स्थापना निम्नलिखित उद्देश्यों के लिए की गई:-
(i) भारत और अन्य देशों के बीच सांस्कृतिक संबंधों को निम्नलिखित द्वारा बढ़ाना, पुनर्जीवित और मजबूत करना;
- अपनी भाषा, साहित्य और कला के बारे में व्यापक ज्ञान और आदर को बढ़ावा देकर।
- विश्वविद्यालयों और सांस्कृतिक संस्थाओं के बीच घनिष्ठ संपर्क स्थापित करके।
- सांस्कृतिक संबंधों को बढ़ावा देने के लिए अन्य सभी उपायों को अपना कर।
(ii) परिषद् के प्रयोजनों के लिए भारत सरकार और अन्य के वचनपत्र, विनिमय बिल, चेक अथवा अन्य परक्राम्य लिखत को आहरण और स्वीकार करना तथा बनाना एवं पृष्ठांकन करना, रियायत और परस्पर बातचीत से तय करना।
(iii) परिषद् को सौंपे गए फण्ड अथवा धन को ऐसी प्रतिभूतियों में अथवा ऐसे ढंग से जैसा शासी निकाय द्वारा समय-समय पर निर्धारित किया जा सकता है, निवेश करना और ऐसे निवेश को समय-समय पर बेचने या स्थानांतरित करना तथा भारत सरकार द्वारा इसके फण्ड को रखने की अनुमति देना।
(iv) भारत में कहीं भी स्थित किसी भूमि या भवन या निर्माण कार्य को खरीदना, पट्टे पर लेना, उपहार के रूप में स्वीकार करना या अन्यथा अधिग्रहण करना जो परिषद् के लिए आवश्यक अथवा सुविधाजनक हो सकता है तथा ऐसे किसी भवन अथवा निर्माण कार्य का निर्माण या परिवर्तन और रखरखाव करना।
(v) परिषद् को आगे बढ़ाने में फण्ड के लिए अपील जारी करना, परिषद् के उद्देश्यों के साथ असंगत न होने वाले उपहार प्राप्त करना और किसी भी अक्षय निधि, ट्रस्ट, फंड या दान के प्रबंधन का कार्य करना।
(vi) परिषद् की संपत्ति के संपूर्ण अथवा किसी भाग को बेचना, पट्टे पर देना, बंधक अथवा विनिमय और अन्यथा हस्तांतरण करना।
(vii) अनुसंधान और संदर्भ पुस्तकालय तथा वाचनालयों को स्थापित करना और उनका रख-रखाव करना।
(viii) सभी अन्य ऐसी बातें या तो अकेले या दूसरों के साथ संयोजन में करना जैसा परिषद् उक्त उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए आवश्यक, आकस्मिक या अनुकूल समझती है।
4. परिषद् की शासी निकाय में निम्नलिखित व्यक्ति शामिल हैं जिनके नाम, पते और व्यवसाय जैसा कि 1860 के सोसायटी पंजीकरण अधिनियम संख्या XXI की धारा 2 द्वारा अपेक्षित है, नीचे दिए जाते हैं: -
(i) मौलाना अबुल कलाम आजाद,
शिक्षा मंत्री,
भारत सरकार,
4, किंग एडवर्ड रोड,
नई दिल्ली
(ii) आचार्य काकासाहेब कालेलकर, सांसद,
81, साउथ एवेन्यू,
नई दिल्ली
(iii) प्रो. हुमायूं कबीर, सांसद,
उपाध्यक्ष, भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद्,
पटौदी हाउस,
नई दिल्ली
(iv) श्री के.जी. सैयिदीन,
सचिव, शिक्षा मंत्रालय,
भारत सरकार,
नई दिल्ली
(v) डॉ. बी.वी. केरकर,
सूचना और प्रसारण मंत्री
8, हेस्टिंग्स रोड,
नई दिल्ली
(vi) सरदार गुरमुख निहाल सिंह,
मुख्यमंत्री, दिल्ली राज्य,
13-वी, रुप नगर, सब्जीमंडी,
दिल्ली
(vii) श्रीमती हंसा मेहता
कुलपति, बड़ौदा विश्वविद्यालय,
बड़ौदा
(viii) सरदार के.एम. पणिक्कर,
14, अकबर रोड,
नई दिल्ली
(ix) प्रो. एम. मुजीब,
कुलपति, जामिया मिलिया इस्लामिया,
जामिया नगर,
दिल्ली
(x) डॉ. जी.एस. महाजनी,
कुलपति,
दिल्ली विश्वविद्यालय,
दिल्ली
(xi) रेव. जेरोम डिसूजा, एस.जे.,
निदेशक, सामाजिक संस्थान,
4, बोट क्लब रोड,
पुणे-1
(xii) पं. सुंदर लाल,
मारफत नया हिंद कार्यालय,
145, मुथीगंज,
इलाहाबाद
(xiii) श्री आर.पी. मसानी,
68-एफ, नेपियन सी रोड,
बंबई-6
(xiv) मनराज कुमार डॉ. रघुबीर सिंह, डी.लिट, सांसद
"रघुवीर निवास"
सीतागांव (मालवा)
(xv) श्री सी.एस. मेनन
संयुक्त सचिव,
वित्त मंत्रालय,
नई दिल्ली
वर्तमान शासी निकाय का कार्यकाल 31 मार्च, 1957 को समाप्त हो जाएगा।
5. तथापि, प्राप्त परिषद् की आय एवं संपत्ति को जैसा इस संगम ज्ञापन में उल्लिखित है उन उद्देश्यों को बढ़ावा देने की दिशा में ऐसी सीमाओं के अधीन जैसी भारत सरकार द्वारा समय-समय पर लगाई गई हो, प्रयुक्त किया जाएगा। परिषद् की आय और संपत्ति का कोई भाग सीधे अथवा परोक्ष रूप से लाभांश, बोनस के रूप में या अन्यथा तथापि, लाभ के रूप में, व्यक्तियों जो किसी भी समय परिषद् के सदस्य हैं अथवा रह चुके हैं, अथवा उनमें से किसी को भी अथवा कोई व्यक्ति उनके माध्यम से दावा कर रहें हों अथवा उनमें से कोई भी, को भुगतान अथवा हस्तांतरित नहीं किया जाएगा, बशर्तें कि कुछ भी ऐसा इसमें निहित न हो जो परिषद् को किसी प्रकार की सेवा प्रदान करने के बदले में उसके किसी सदस्य अथवा अन्य व्यक्तियों को अथवा ठहरने और अन्य सदृश प्रभारों के लिए यात्रा भत्ते के लिए पारिश्रमिक का नेक नीयत में भुगतान करने से रोके।
6. यदि परिषद के समापन अथवा विघटन पर अपने सभी ऋण और देनदारियों के निपटान के बाद कोई संपत्ति रह जाएगी, जो भी हो, उसको परिषद् के सदस्यों अथवा उनमें से किसी को भी भुगतान अथवा के बीच वितरित नहीं किया जाएगा बल्कि इस तरीके से निपटा जाएगा जैसा भारत सरकार निर्धारित करेगी।
7. हम, सभी व्यक्ति जिनके नाम और पते और विवरण नीचे लिखें हैं, इस संगम ज्ञापन के अनुसरण में 1860 का सोसायटी पंजीकरण अधिनियम XXI के अधीन एक एसोसिएशन बनाए जाने के इच्छुक हैं। परिषद् के नियमों और विनियमों की एक प्रति इसके साथ संलग्न है।
क्र.सं. | नाम | पता | व्यवसाय | हस्ताक्षर |
---|---|---|---|---|
1. |
मौलाना अबुल कलाम आज़ाद |
4, किंग एडवर्ड रोड, नई दिल्ली |
शिक्षा मंत्री |
ह./- ए.के. आज़ाद |
2. |
आचार्य काकासाहेब कालेलकर, एम.पी. |
संनिधि, गांधी हिंदुस्तानी साहित्य सभा, राजघाट, नई दिल्ली |
उपाध्यक्ष, आईसीसीआर |
ह./- काका कालेलकर |
3. |
प्रो हुमायूं कबीर, एम.पी. |
30, जनपथ, नई दिल्ली |
उपाध्यक्ष, आईसीसीआर |
ह./- हुमायूं कबीर |
4. |
श्री के.जी. सैयिदीन |
40, कैनिंग लेन, नई दिल्ली |
शिक्षा सचिव, मंत्रालय |
ह./- के.जी. सैयिदीन |
5. |
श्रीमती। हंसा मेहता |
बड़ौदा विश्वविद्यालय |
कुलपति |
ह./- हंसा मेहता |
6. |
श्री आर.पी. मसानी |
68-एफ, नेपियन सी रोड, मुंबई-6 |
अध्यक्ष, भारतीय शैक्षणिक एवं सांस्कृतिक सहयोग संस्थान |
ह./- आर.पी. मसानी |
7. |
रेव. जेरोम डिसूजा, एस.जे. |
4, बोट क्लब रोड, पुणे-1 |
निदेशक, सामाजिक संस्थान |
ह./- जे. डिसूजा, एस.जे. |
अभिदाताओं के हस्ताक्षर के गवाह
नाम | पता और गवाह का व्यवसाय | हस्ताक्षर |
---|---|---|
श्री आर.के. कपूर |
उप-शैक्षिक सलाहकार, शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार, नई दिल्ली |
ह./ - आर.के. कपूर 23.11.56 |
1860 का सोसायटी अधिनियम XXI का पंजीकरण प्रमाणपत्र
1956-1957 की संख्या एस.1071
मैं एतत्द्वारा प्रमाणित करता हूं कि भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद् को इस दिन 1860 के सोसायटी पंजीकरण अधिनियम XXI के तहत पंजीकृत किया गया है।
मेरे द्वारा इस तेरह मार्च एक हजार नौ सौ सत्तावन को नई दिल्ली में दिया गया।
पंजीकरण शुल्क
50 / - का भुगतान
ह./ -
(बी.पी. रॉय)
कंपनी रजिस्ट्रार
दिल्ली